शिव पूजा कैसे करें? किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
( Apurba Das )
भगवान शिव हिन्दू धर्म के त्रिदेवों में से एक हैं, जिन्हें संहारक, करुणामयी, भोलेनाथ और महादेव के रूप में पूजा जाता है। शिवजी की पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति, और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। खासकर सोमवार, प्रदोष, महाशिवरात्रि, सावन मास और श्रावण सोमवार को शिव पूजा का विशेष महत्व है।
शिव पूजा सरल है, लेकिन उसमें श्रद्धा, नियम और पवित्रता जरूरी होती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि शिव पूजा कैसे करनी चाहिए और किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
1. शिव पूजा का महत्व
भगवान शिव "आशुतोष" कहलाते हैं, जो थोड़े से पूजन से भी प्रसन्न हो जाते हैं।
उनकी पूजा से:
• पापों का नाश होता है
• मनोवांछित फल प्राप्त होता है
• मानसिक शांति मिलती है
• विवाह, संतान और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है
2. शिव पूजा की तैयारी
(क) पूजा का समय
• सुबह का समय सबसे श्रेष्ठ होता है, विशेषकर ब्रह्ममुहूर्त (4 बजे से 6 बजे के बीच)
• अगर सुबह संभव न हो, तो सूर्यास्त से पहले भी पूजा कर सकते हैं
(ख) स्थान की सफाई
• पूजा करने से पहले पूजा स्थल की सफाई करें
• घर के मंदिर या शिवलिंग की स्थापना किसी पवित्र स्थान पर करें
(ग) स्वच्छता
• नहाकर शुद्ध वस्त्र पहनें
• सफेद या हल्के रंग के कपड़े उत्तम माने जाते हैं
3. शिव पूजा सामग्री (पूजन समग्री)
• जल अभिषेक के लिए
• दूध शिवलिंग पर चढ़ाने हेतु
• बेलपत्र प्रिय पत्तियां, त्रिपत्री आवश्यक
• धतूरा, भांग शिव को अत्यंत प्रिय
• चावल (अक्षत) बिना टूटे सफेद चावल
• शहद, दही, घी, चीनी पंचामृत हेतु
• चंदन तिलक के लिए
• धूप, दीप पूजन में उपयोगी
• फल और मिठाई नैवेद्य के लिए
• रुद्राक्ष माला मंत्र जाप हेतु
• सफेद फूल (विशेषतः आक, कनेर) पुष्प अर्पण हेतु
4. शिव पूजा की विधि
(1) प्रार्थना और शुद्धिकरण
पूजा स्थल पर बैठकर गंगाजल से चारों ओर छिड़काव करें
फिर मन, वचन और कर्म से पवित्र होने की प्रार्थना करें
(2) संकल्प लें
दोनों हाथ जोड़कर भगवान शिव के सामने संकल्प लें कि आप पूजा कर रहे हैं
(3) शिवलिंग का अभिषेक
• गंगाजल से स्नान कराएं
• दूध से अभिषेक करें
• फिर जल से धोएं
• पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) से अभिषेक करें
• बेलपत्र चढ़ाएं (तीन पत्तियों वाले बेलपत्र पर ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखना उत्तम)
• भांग, धतूरा, चावल और सफेद फूल चढ़ाएं
• चंदन का तिलक करें
• धूप, दीप जलाएं
• नैवेद्य चढ़ाएं
(4) मंत्र जाप
शिवजी के मंत्रों का जाप करें जैसे:
"ॐ नमः शिवाय" – यह सबसे शक्तिशाली पंचाक्षरी मंत्र है
"महामृत्युंजय मंत्र":
"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥"
मंत्र जाप कम से कम 108 बार रुद्राक्ष माला से करें
(5) आरती करें
शिव आरती जैसे "ॐ जय शिव ओंकारा" गाकर दीपक घुमाएं
घी का दीपक जलाकर आरती करें
(6) प्रसाद वितरण
पूजा के अंत में प्रसाद सभी को बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें
5. किन बातों का ध्यान रखें? (महत्वपूर्ण नियम)
• तामसिक भोजन से बचें – पूजा वाले दिन प्याज, लहसुन और मांसाहार का त्याग करें
• शुद्धता बनाए रखें – तन-मन से पवित्र रहना आवश्यक है
• बेलपत्र को उल्टा न चढ़ाएं – उस पर पहले से ‘ॐ’ या मंत्र लिखा हो तो और भी शुभ
• टूटा बेलपत्र या फूल न चढ़ाएं
• शिवलिंग को कुमकुम, सिंदूर न लगाएं – यह देवी पूजन में होता है, शिव के लिए नहीं।
• जल चढ़ाते समय तांबे या पीतल के लोटे का उपयोग करें
• जल एकसाथ ना बहाएं – धार बनाकर धीरे-धीरे शिवलिंग पर जल चढ़ाएं
• शिवलिंग पर तुलसी पत्र , लाल रंग का पुष्प कभी न चढ़ाएं – यह वर्जित है
• स्त्रियाँ शिवलिंग को स्पर्श न करें (कुछ परंपराओं में) – केवल अर्घ्य दें
• श्रद्धा और विश्वास ही सबसे बड़ी चीज है – विधि से अधिक मन की भक्ति जरूरी है
6. विशेष अवसरों पर शिव पूजा
(क) सावन मास
हर सोमवार को उपवास रखें, विशेष शिवलिंग अभिषेक करें,
"ॐ नमः शिवाय" का अधिक से अधिक जाप करें।
(ख) महाशिवरात्रि
रात भर जागरण करें, चार बार रात्रि में अभिषेक करें,व्रत रखें और दिनभर शिव नाम का स्मरण करें।
(ग) प्रदोष व्रत
त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है, भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त पूजा की जाती है।
7. शिव पूजा के लाभ
• सभी प्रकार के भय, रोग और दोषों का नाश होता है
• जीवन में शांति और समृद्धि आती है
• वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है
• मृत्यु का भय दूर होता है
• मोक्ष की प्राप्ति होती है
शिव पूजा न केवल धार्मिक प्रक्रिया है, बल्कि यह व्यक्ति को आत्मिक शांति और स्थिरता प्रदान करती है। भगवान शिव की पूजा जितनी सरल है, उतनी ही प्रभावशाली भी है। श्रद्धा, नियम और संयम से की गई शिव पूजा हर भक्त की मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकती है।
यदि आप जीवन में सुख, स्वास्थ्य, और सफलता की प्राप्ति चाहते हैं, तो प्रतिदिन या कम से कम सोमवार को शिव पूजा करें और "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें। यही सच्ची भक्ति है।
हर हर महादेव!
ॐ नमः शिवाय!