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বিজ্ঞাপন

हार्ट अटैक आने पर कैसे बचाया जा सकता है CPR से किसी की जान? CPR क्या है? कैसे दें CPR?






हार्ट अटैक आने पर कैसे बचाया जा सकता है CPR से किसी की जान? CPR क्या है? कैसे दें CPR?


( Apurba Das )


1. हार्ट अटैक क्या है?

हार्ट अटैक, जिसे मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (Myocardial Infarction) भी कहा जाता है, तब होता है जब हृदय की किसी रक्त वाहिका (कोरोनरी आर्टरी) में अचानक अवरोध (Blockage) हो जाता है। इसके कारण हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलना बंद हो जाते हैं, जिससे हृदय का कुछ हिस्सा काम करना बंद कर सकता है।
अगर समय पर इलाज न मिले, तो मरीज की मौत भी हो सकती है।

2. CPR क्या है?

CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) का मतलब है कार्डियो (हृदय) + पल्मोनरी (फेफड़े) + रेससिटेशन (पुनर्जीवन)।
सीपीआर एक आपातकालीन जीवनरक्षक तकनीक है, जिसमें कृत्रिम छाती दबाव और साँस देकर हृदय और मस्तिष्क को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखी जाती है, जब तक कि डॉक्टर या मेडिकल टीम पेशेवर इलाज न दे सके।

सीपीआर का उद्देश्य:

• मस्तिष्क और हृदय को ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखना

• व्यक्ति को जीवित रखना जब तक मेडिकल मदद न मिले

• अचानक हृदयगति रुकने (Cardiac Arrest) के बाद मौत के खतरे को कम करना

3. CPR कब देनी चाहिए?

• CPR उन स्थितियों में दी जाती है जब व्यक्ति:

• बेहोश हो और कोई प्रतिक्रिया न दे

• साँस न ले रहा हो या साँस बहुत असामान्य हो (जैसे हांफना)

• नाड़ी महसूस न हो (Pulse न आ रही हो)

• पानी में डूबने, बिजली का करंट लगने, घुटने, या हार्ट अटैक के कारण हृदय रुक गया हो

4. CPR देने से पहले ज़रूरी सावधानियाँ

• आसपास का माहौल सुरक्षित है या नहीं, यह सुनिश्चित करें (जैसे ट्रैफिक, आग, बिजली का खतरा न हो)

• मरीज की प्रतिक्रिया चेक करें — कंधे को हल्के से हिलाकर जोर से पुकारें

• अगर प्रतिक्रिया नहीं है, तो तुरंत आपातकालीन नंबर (भारत में 108 या 112) पर कॉल करें

• CPR शुरू करने से पहले देखें कि मरीज साँस ले रहा है या नहीं









5. CPR देने की सही तकनीक

CPR के दो मुख्य प्रकार होते हैं:

(1) Hands-Only CPR (सिर्फ हाथ से छाती दबाना) — यह आम लोगों के लिए सबसे आसान है

(2) Traditional CPR (Chest Compression + Rescue Breathing) — इसमें छाती दबाने के साथ मुँह से साँस भी दी जाती है

(A) Hands-Only CPR (बिना मुँह से साँस दिए) स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:

• मरीज को पीठ के बल सख्त सतह पर लिटाएँ

• हाथ की स्थिति: एक हाथ की हथेली मरीज की छाती के बीच (स्टर्नम के ऊपर) रखें

• दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रखकर उँगलियों को लॉक कर लें

• पोज़िशन: अपने कंधे सीधा हाथों के ऊपर रखें

• कोहनी सीधी रखें

• दबाव देना: छाती को कम से कम 5 सेंटीमीटर (2 इंच) नीचे दबाएँ

• दबाने और छोड़ने का समय बराबर रखें

• प्रति मिनट लगभग 100-120 दबाव दें (Bee Gees का गाना "Stayin' Alive" की बीट के बराबर रफ्तार)

◽CPR तब तक जारी रखें जब तक:

• मेडिकल टीम आ न जाए

• मरीज होश में न आ जाए

• आप थककर बिल्कुल न रुक जाएँ

(B) Traditional CPR (छाती दबाव + साँस) स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:

• मरीज की स्थिति जांचें — होश और साँस नहीं है, तो CPR शुरू करें

• एयरवे खोलें — मरीज का सिर पीछे की ओर झुकाएँ और ठोड़ी ऊपर उठाएँ

• मुँह में कुछ फंसा हो तो हटा दें

• साँस दें — मुँह से मुँह लगाकर 1 सेकंड तक हवा फूँकें

• छाती उठती है तो सही है

• अनुपात — 30 छाती दबाव + 2 साँस

• यह चक्र दोहराएँ जब तक मदद न आ जाए




6. CPR करते समय ध्यान देने वाली बातें

• छाती दबाने की गहराई और गति सही रखें

• दबाव के बीच छाती को पूरी तरह ऊपर आने दें

• बहुत धीरे-धीरे या बहुत तेज़ न करें

• मुँह से साँस देते समय हवा पेट में न जाए, सिर्फ फेफड़ों में जाए

अगर मुँह से साँस देने में असहज हैं, तो Hands-Only CPR करें — यह भी जान बचाने में असरदार है




7. हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में फर्क

• हार्ट अटैक: रक्त प्रवाह रुकता है, लेकिन हृदय की धड़कन कई बार जारी रहती है

• कार्डियक अरेस्ट: हृदय की धड़कन पूरी तरह रुक जाती है, और तुरंत CPR जरूरी होती है

• हार्ट अटैक कभी-कभी कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है, इसलिए लक्षण दिखते ही मदद बुलाएँ


8. CPR क्यों ज़रूरी है?

• मस्तिष्क सिर्फ 4-6 मिनट तक ऑक्सीजन के बिना जीवित रह सकता है

• समय पर CPR देने से जीवित बचने की संभावना दो गुना से तीन गुना बढ़ जाती है

• भारत में कई लोग इसलिए मर जाते हैं क्योंकि आस-पास के लोग CPR नहीं जानते



9. बच्चों और बुजुर्गों में CPR

• बच्चों में: कम दबाव से छाती दबाएँ (लगभग 4 सेंटीमीटर गहराई)

• शिशु (1 साल से कम): दो उँगलियों से छाती दबाएँ

• बुजुर्गों में: हड्डियाँ नाज़ुक होती हैं, लेकिन जान बचाने के लिए CPR जरूरी है — हड्डी टूटने से ज्यादा ज़रूरी है दिल चलाना


हार्ट अटैक या अचानक कार्डियक अरेस्ट किसी भी व्यक्ति के जीवन को पल भर में खतरे में डाल सकता है। ऐसी स्थिति में, अगर आस-पास मौजूद लोग तुरंत और सही तरीके से CPR दें, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।
सीपीआर करना सीखना हर इंसान के लिए उतना ही जरूरी है जितना तैरना या आग से बचाव के तरीके जानना।








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