Good Assam এখনি নতুন ই-আলোচনী আৰু এটি Digital সংবাদ মাধ্যম। প্ৰতিদিনে পঢ়িবলৈ পাব স্বাস্থ্য বাৰ্তা , বাস্তু-কিটিপ , বিভিন্ন ধৰণৰ লিখনিৰ লগতে গল্প ,উপন্যাস আৰু বহুতো। যদি আপোনাৰো লিখনি প্ৰকাশ কৰিব বিচাৰে তেন্তে আমাৰ ফেচবুক পেজখনৰ মেচেজ বক্সত বাৰ্তা প্ৰেৰণ কৰিব নাইবা আমাৰ ইমেইল যোগে আপোনাৰ লিখনি পঠিয়াব পাৰে। আমাৰ ই-মেইল ID - goodassam@hotmail.com ◾ Good Assam বৰ্তমান উপলব্ধ - Facebook & Instagram: GoodAssam24 আৰু YouTube : @GoodAssam24 ◾ Website : www.GoodAssam24.in ◾গুড অসমত আপোনাৰ বিজ্ঞাপন প্ৰচাৰ কৰিব বিচাৰে নেকি? আমাৰ সৈতে যোগাযোগ কৰিব। ◾প্ৰতিদিনৰ অতিৰিক্ত আপডেট সমূহ ফেচবুক পেজত উপলব্ধ। সেয়েহে আমাৰ ফেচবুক পেজখনো Follow কৰিবলৈ নাপাহৰিব।

Type Here to Get Search Results !

Ads Mondi Floting

Breking Tiger

Slider Post

Mandi Ads

Slider Menu

Slider Menu

Traffic Star Ads

বেটুপাতৰ মডেলঃ

বিজ্ঞাপন

Glycemic Index क्या है? डायबिटीज़ रोगियों के लिए ग्लायसेमिक इंडेक्स कितना होना चाहिए ?



Glycemic Index क्या है? डायबिटीज़ रोगियों के लिए ग्लायसेमिक इंडेक्स कितना होना चाहिए?

( Apurba Das )

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में डायबिटीज़ एक आम बीमारी बन चुकी है। हर उम्र के लोग इस रोग से प्रभावित हो रहे हैं। इस बीमारी को नियंत्रण में रखने के लिए खानपान का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी होता है। डायबिटीज़ रोगियों के लिए भोजन चुनते समय एक महत्वपूर्ण पैरामीटर होता है – ग्लायसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index- GI)। यह जानना ज़रूरी है कि कौन से खाद्य पदार्थ शरीर में ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं और कौन से धीरे-धीरे।


ग्लायसेमिक इंडेक्स क्या है?

ग्लायसेमिक इंडेक्स एक ऐसा मापक (scale) है जो यह बताता है कि कोई भी कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन ब्लड शुगर लेवल को कितनी तेजी से और कितनी मात्रा में बढ़ाता है। यह स्केल 0 से 100 तक होती है।

ग्लायसेमिक इंडेक्स की गणना शुद्ध ग्लूकोज़ के प्रभाव से तुलना करके की जाती है, जिसका GI 100 माना जाता है।


ग्लायसेमिक इंडेक्स के प्रकार:

GI को तीन श्रेणियों में बांटा गया है -

(1) 55 या उससे कम लो GI (Low GI) धीरे-धीरे ब्लड शुगर बढ़ाता है।

(2) 56 – 69 मीडियम GI मध्यम गति से ब्लड शुगर बढ़ाता है।

(3) 70 या उससे अधिक हाई GI (High GI) तेजी से ब्लड शुगर बढ़ाता है।

ग्लायसेमिक इंडेक्स डायबिटीज़ रोगियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
डायबिटीज़ एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन (Insulin) का उत्पादन कम करता है या उसका सही उपयोग नहीं कर पाता। इससे ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है। यदि डायबिटीज़ रोगी हाई GI वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करता है, तो उसका ब्लड शुगर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:

• आँखों की रोशनी में कमी (Diabetic Retinopathy)

• किडनी डैमेज (Nephropathy)

• हार्ट डिज़ीज़

• नर्व डैमेज (Neuropathy)

इसलिए डायबिटीज़ रोगियों के लिए यह ज़रूरी है कि वे ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें जिनका ग्लायसेमिक इंडेक्स 55 या उससे कम हो।

लो GI वाले खाद्य पदार्थ: डायबिटीज़ रोगियों के लिए फायदेमंद

डायबिटीज़ रोगियों को ऐसे खाद्य पदार्थ लेने चाहिए जिनका GI कम हो। ये धीरे-धीरे पचते हैं और धीरे-धीरे शुगर को रिलीज़ करते हैं, जिससे ब्लड शुगर स्थिर रहता है।

कुछ लो GI खाद्य पदार्थ:

• दलिया (Oats)

• साबुत अनाज (Whole Grains) – जौ, बाजरा, रागी

• ब्राउन राइस

• राजमा, चना, मूंग, लोबिया

• हरी सब्ज़ियाँ – पालक, मेथी, भिंडी, लौकी

• फल – सेब, नाशपाती, अमरूद, चेरी, संतरा

• सूखे मेवे – बादाम, अखरोट (बिना नमक और बिना भुना हुआ)

• दही और छाछ (बिना चीनी)


◽हाई GI वाले खाद्य पदार्थ: जिनसे बचना चाहिए

हाई GI वाले खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं। डायबिटीज़ रोगियों को इनसे बचना चाहिए या बहुत सीमित मात्रा में लेना चाहिए।

कुछ हाई GI खाद्य पदार्थ:

• सफेद चावल

• मैदा और इससे बनी चीजें – नान, समोसा, पिज़्ज़ा, बर्गर

• सफेद ब्रेड

• आलू (खासकर उबला हुआ)

• स्वीट्स और मिठाईयाँ – रसगुल्ला, गुलाब जामुन, केक, चॉकलेट

• शक्कर और शहद

• कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेज्ड जूस

• इंस्टैंट नूडल्स और स्नैक्स


◽ग्लायसेमिक इंडेक्स को समझने के फायदे:

• ब्लड शुगर नियंत्रण: लो GI डाइट अपनाने से ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखना आसान होता है।

• वज़न घटाने में सहायक: लो GI फूड्स अधिक समय तक पेट भरा रखते हैं, जिससे भूख कम लगती है और ओवरईटिंग नहीं होती।

• दिल की सेहत: शोध से पता चला है कि लो GI डाइट से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर भी नियंत्रित रहता है।

• ऊर्जा स्तर में सुधार: धीरे-धीरे रिलीज़ होने वाली शुगर से शरीर को स्थिर ऊर्जा मिलती रहती है।

◽ग्लायसेमिक इंडेक्स को प्रभावित करने वाले कारक:

• पकाने का तरीका: अत्यधिक पकाने से GI बढ़ सकता है। जैसे – ज्यादा उबले आलू का GI बहुत ज्यादा होता है।

• फाइबर की मात्रा: फाइबर युक्त भोजन का GI कम होता है, इसलिए रेशेदार भोजन को प्राथमिकता दें।

• वसा और प्रोटीन का मिश्रण: यदि भोजन में वसा और प्रोटीन होता है, तो GI कम हो सकता है क्योंकि यह पाचन की प्रक्रिया को धीमा करता है।

• प्रसंस्करण (Processing): जितना अधिक भोजन प्रोसेस्ड होगा, उतना ही अधिक GI होगा।

◽ग्लायसेमिक इंडेक्स और ग्लायसेमिक लोड में अंतर:

ग्लायसेमिक इंडेक्स (GI) केवल यह दर्शाता है कि किसी भोजन से शुगर कितनी तेजी से बढ़ेगा, लेकिन ग्लायसेमिक लोड (Glycemic Load - GL) यह भी बताता है कि उस भोजन में कुल कितनी कार्बोहाइड्रेट मात्रा है।

सूत्र: Glycemic Load = (GI × कार्बोहाइड्रेट की मात्रा प्रति ग्राम) / 100



◽उदाहरण 1 : तरबूज (Watermelon)

• Glycemic Index ( GI) : 72 (High GI) 
• Carbohydrate: 6 ग्राम (100 ग्राम तरबूज में)

गणना: 



👉 Glycemic load = 4.32 (Low)


( ग्लाइसेमिक लोड 10 से कम होना चाहिए 
ग्लाइसेमिक इंडेक्स - 55 या उससे कम। )

हालांकि तरबूज का GI ज़्यादा है, पर उसमें कार्बोहाइड्रेट कम है, इसलिए GL कम है। इसका मतलब यह है कि थोड़ी मात्रा में तरबूज खाना सुरक्षित है।



◽उदाहरण 2: सफेद चावल (White Rice, 150 ग्राम पकाया हुआ)

• Glycemic Index (GI) : 73 
• Carbohydrate: 45 ग्राम (150 ग्राम में)

गणना:

👉 Glycemic load = 32.85 (High)

(ग्लाइसेमिक लोड 10 से कम होना चाहिए।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स - 55 या उससे कम।)

सफेद चावल का GI भी अधिक है और कार्बोहाइड्रेट मात्रा भी ज़्यादा है, इसलिए इसका GL भी ज़्यादा है। डायबिटीज़ रोगियों को इसे सीमित मात्रा में लेना चाहिए




◽डायबिटीज़ रोगियों के लिए सुझाव:

• हमेशा लो GI या मीडियम GI खाद्य पदार्थ ही चुनें।

• एक साथ बड़ी मात्रा में भोजन न करें। दिन में 5-6 छोटे मील्स लें।

• हर भोजन में फाइबर, प्रोटीन, और स्वस्थ वसा को शामिल करें।

• प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड से दूर रहें।

• खाने के बाद हल्की सैर करें, जिससे शुगर कंट्रोल में रहे।

• भोजन के साथ सलाद या अंकुरित अनाज लें।

• पानी भरपूर मात्रा में पिएं।


ग्लायसेमिक इंडेक्स को समझना और उसका पालन करना डायबिटीज़ रोगियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह एक वैज्ञानिक और प्रभावी तरीका है जिससे खानपान के माध्यम से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखा जा सकता है। सही जानकारी और थोड़ी सी सतर्कता से डायबिटीज़ को नियंत्रण में रखा जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।

Bottom Post Ad