गैस्ट्रिक प्रॉब्लम और सेक्स/हस्तमैथुन का संबंध क्या है? जानने के लिए पढ़िए।
( Writer : Apurba Das )
आजकल के समय में कई युवा और वयस्क लोग गैस्ट्रिक समस्या (अम्लपित्त, एसिडिटी, पेट फूलना, डकार आना, पेट में जलन) से परेशान रहते हैं। आमतौर पर इसका कारण खानपान, तनाव और लाइफस्टाइल माना जाता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अत्यधिक मास्टर्बेशन (हस्तमैथुन) या अत्यधिक यौन संबंध भी परोक्ष रूप से पाचन तंत्र और गैस्ट्रिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
1. अत्यधिक सेक्स/मास्टर्बेशन से विटामिन B12 की कमी का खतरा
शरीर में विटामिन B12 एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, नर्वस सिस्टम के स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए जरूरी है। अत्यधिक यौन गतिविधि (विशेषकर बार-बार स्खलन) के दौरान शरीर में कुछ पोषक तत्वों और मिनरल्स का निरंतर क्षय होता है।
• शुक्राणु (Semen) में प्रोटीन, जिंक, सेलेनियम, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फ्रक्टोज़, और कुछ विटामिन्स पाए जाते हैं, जिनमें विटामिन B12 भी शामिल है।
• जब स्खलन बार-बार होता है, तो शरीर को इन पोषक तत्वों को फिर से बनाने के लिए समय चाहिए। इन पोषक तत्वों को बनाने के लिए एक हफ्ता या 15 दिन लग सकता है।
• यदि आहार में पर्याप्त B12 स्रोत (जैसे दूध, अंडा, मछली, दही) नहीं मिल रहे, तो धीरे-धीरे कमी हो सकती है।
विटामिन B12 की कमी से —
• पाचन क्रिया कमजोर हो सकती है
• पेट में गैस और एसिडिटी बढ़ सकती है
• भूख कम लग सकती है
• पेट में जलन, अपच और गैस्ट्रिक अल्सर का खतरा बढ़ सकता है
2. नर्वस सिस्टम और पाचन का संबंध
शरीर का नर्वस सिस्टम और पाचन तंत्र एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं। जब विटामिन B12 की कमी होती है, तो नसें कमजोर पड़ने लगती हैं। पाचन तंत्र की क्रिया को नियंत्रित करने वाली नसों की कार्यक्षमता भी घटती है, जिससे पेट की मांसपेशियों की गति (peristalsis) धीमी हो जाती है और गैस, कब्ज, पेट फूलना जैसी समस्या पैदा होती है।
3. अत्यधिक यौन गतिविधि से होने वाले अन्य लक्षण :
• कमजोरी और थकान – पोषक तत्वों की कमी से ऊर्जा घटती है
• याददाश्त में कमी – B12 की कमी का सीधा असर दिमाग पर पड़ता है
• मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन – हार्मोनल असंतुलन से मूड प्रभावित होता है
• सर चकराना – लो ब्लड प्रेशर और कमजोरी से
• बार-बार बीमार होना – इम्यूनिटी कमजोर पड़ सकती है
◽शुक्राणु में पाए जाने वाले पोषक तत्व
वैज्ञानिक शोध के अनुसार Semen में औसतन निम्न पोषक तत्व पाए जाते हैं:
• प्रोटीन : कोशिकाओं के निर्माण और मरम्मत के लिए
• फ्रक्टोज़ : शुक्राणु को ऊर्जा देने के लिए
• जिंक : (Zinc) टेस्टोस्टेरोन उत्पादन, इम्यूनिटी के लिए
• सेलेनियम (Selenium) एंटीऑक्सीडेंट, शुक्राणु की गुणवत्ता सुधारने के लिए
• कैल्शियम : मांसपेशियों और नसों के लिए
• मैग्नीशियम : हार्मोनल बैलेंस, तनाव कम करने के लिए
• पोटैशियम : हृदय और मांसपेशियों की कार्यक्षमता के लिए
• विटामिन C इम्यूनिटी और कोशिकाओं की सुरक्षा के लिए
• विटामिन B12 : नर्वस सिस्टम और ऊर्जा उत्पादन के लिए
• फॉस्फोरस : हड्डियों और ऊर्जा के लिए
👉 अगर यह पोषक तत्व बार-बार निकलते हैं तो आपका क्या हो सकता है आप खुद सोचिए।
◽आयु के अनुसार स्वस्थ यौन संबंध/हस्तमैथुन की आवृत्ति :
हर व्यक्ति की शारीरिक क्षमता, स्वास्थ्य, और पोषण स्तर अलग होता है, लेकिन सामान्य स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक औसत मानक इस प्रकार हो सकता है:
• 18 से 25 वर्ष – सप्ताह में 2 - 3 बार तक (कोई खतरा नहीं)
• 25 से 30 वर्ष – सप्ताह में 2 बार तक
• 30 से 35 वर्ष – सप्ताह में 1 बार
• 35 से 40/45 वर्ष – हर 15 दिन में 1 बार
इन सीमाओं से अधिक करने पर थकान, कमजोरी, पाचन समस्या, और नर्वस सिस्टम पर दबाव पड़ने की संभावना रहती है, खासकर यदि आहार पोषक तत्वों से भरपूर न हो।
• गैस्ट्रिक समस्या से बचने के उपाय :-
यदि आपको लगता है कि आपकी गैस्ट्रिक समस्या यौन गतिविधि के साथ जुड़ी है, तो इन बातों पर ध्यान दें:
• पोषक आहार लें – दही ( ज्यादा खाता नहीं होना चाहिए, इसमें थोड़ा नमक मिलना जरूरी है ) , पनीर, अंडे का सफेद भाग, मछली, हरी सब्ज़ियां, अंकुरित अनाज, और फल शामिल करें।
• अत्यधिक यौन गतिविधि से बचें – शरीर को रिकवरी का समय दें।
• तनाव कम करें – योग, ध्यान, और पर्याप्त नींद लें
• खाना समय पर खाएं – देर रात खाना या भारी भोजन पाचन बिगाड़ सकता है। रात 8:30 और 9:00 के बीच खाना खाना जरूरी है।
• सुबह गुनगुना पानी एक या दो गिलास खाली पेट में पीना चहिए। आधा घंटे के बाद ही भोजन करें। चाय, कॉफी, तली हुई चीज, ज्यादा चीनी ज्यादा कार्बोहाइड्रेट, मत खाइए।
• B12 सप्लीमेंट्स लें – यदि डॉक्टर कमी बताए तो। बिना डॉक्टर के सलाह से विटामिन बी 12 को ना ले।
अत्यधिक मास्टर्बेशन या सेक्स अपने आप में गैस्ट्रिक समस्या का सीधा कारण नहीं है, लेकिन यह परोक्ष रूप से पोषक तत्वों की कमी, खासकर विटामिन B12, का कारण बन सकता है। यह कमी पाचन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करके गैस्ट्रिक समस्या, थकान, और मानसिक तनाव का कारण बन सकती है। सही आहार, संतुलित यौन जीवन, और स्वस्थ जीवनशैली से इन समस्याओं से बचा जा सकता है।