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বিজ্ঞাপন

प्रोटीन ज़्यादा से ज़्यादा लेने से हो सकता है नुक़सान – जानिए सही मात्रा और सही स्रोत |



प्रोटीन ज़्यादा से ज़्यादा लेने से हो सकता है नुक़सान – जानिए सही मात्रा और सही स्रोत |


( Writer : Apurba Das )

प्रोटीन शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो मांसपेशियों के निर्माण, कोशिकाओं की मरम्मत, एंजाइम और हार्मोन के निर्माण में मदद करता है। लेकिन कहा जाता है — “अति सर्वत्र वर्जयेत्”, यानी किसी भी चीज़ की अति हानिकारक हो सकती है, चाहे वह कितनी ही फायदेमंद क्यों न हो। यही बात प्रोटीन पर भी लागू होती है।

आजकल फिटनेस का ट्रेंड बढ़ने के कारण बहुत से लोग प्रोटीन सप्लिमेंट्स और हाई-प्रोटीन डाइट पर ज़ोर दे रहे हैं, बिना यह समझे कि उनकी उम्र, वजन और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार कितनी मात्रा में प्रोटीन लेना सुरक्षित है। आइए विस्तार से समझते हैं:


किन लोगों को ज़्यादा प्रोटीन नहीं खाना चाहिए?

कुछ लोगों की शारीरिक अवस्था ऐसी होती है कि उन्हें ज़्यादा प्रोटीन का सेवन नुकसान पहुँचा सकता है। इनमें शामिल हैं:

(1) किडनी (गुर्दे) के मरीज

यदि किसी व्यक्ति को क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) है तो उसे हाई प्रोटीन डाइट से बचना चाहिए। ज्यादा प्रोटीन से किडनी पर लोड बढ़ता है, जिससे किडनी और ज्यादा खराब हो सकती है।

(2) लिवर रोगी

हेपेटाइटिस, सिरोसिस आदि लिवर से जुड़ी समस्याओं में भी प्रोटीन का पाचन सीमित हो जाता है। ज़्यादा मात्रा में प्रोटीन लेने से अमोनिया का स्तर बढ़ सकता है जो मस्तिष्क को नुकसान पहुँचा सकता है।

(3) गर्भवती महिलाएं (बिना डॉक्टर की सलाह के)

गर्भावस्था में प्रोटीन की ज़रूरत होती है लेकिन इसका स्रोत और मात्रा डॉक्टर की सलाह से ही तय करनी चाहिए, खासकर अगर अन्य रोग हों।

(4) बच्चे और बुजुर्ग

बच्चों और बुजुर्गों को सीमित मात्रा में संतुलित प्रोटीन देना चाहिए। अत्यधिक प्रोटीन उनके अंगों पर दबाव डाल सकता है।

(5) हृदय रोगी

यदि कोई व्यक्ति मांसाहारी स्रोतों से प्रोटीन ले रहा है (जैसे लाल मांस) तो दिल के रोगियों को यह नुकसान पहुँचा सकता है।


कौन सा प्रोटीन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?

प्रोटीन दो प्रकार के होते हैं:

(1) पूरा (Complete Protein)
जिसमें सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं।

स्रोत: अंडा, दूध, दही, पनीर, मछली, चिकन, सोया प्रोडक्ट (जैसे टोफू), क्विनोआ

(2) अपूरणीय (Incomplete Protein)
इसमें कुछ अमीनो एसिड की कमी होती है।

स्रोत: दालें, चना, मूंगफली, गेहूं, चावल, मक्का आदि


स्वस्थ विकल्प:

• दूध व दूध से बने उत्पाद

• उबली दालें

• अंकुरित चना, मूंग

• सोया

• बादाम, अखरोट

• ओट्स, ब्राउन राइस

• लो फैट दही और पनीर

• अंडा (विशेषतः सफेद भाग)


बचाव करें:

• रेड मीट (लाल मांस)

• प्रोसेस्ड मीट (सॉसेज, बेकन)

• अत्यधिक प्रोटीन सप्लिमेंट्स बिना डॉक्टर की सलाह





प्रोटीन ज़्यादा खाने से क्या नुकसान हो सकता है?
किडनी पर असर:

बहुत ज्यादा प्रोटीन किडनी को नाइट्रोजन व अपशिष्ट पदार्थों को फ़िल्टर करने में कठिनाई पैदा करता है।


(1) डिहाइड्रेशन:

प्रोटीन मेटाबोलिज़्म के कारण पानी की ज़रूरत बढ़ती है। यदि आप पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है।

(2) वज़न बढ़ना:

अतिरिक्त प्रोटीन भी फैट में बदल सकता है और शरीर में स्टोर हो सकता है, जिससे वज़न बढ़ता है।

(3) पाचन समस्या:

बहुत ज्यादा प्रोटीन लेने पर कब्ज़, गैस, अपच जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, खासकर यदि फाइबर की मात्रा कम हो।

(4) हड्डियों पर प्रभाव:

अत्यधिक प्रोटीन यूरिन से कैल्शियम के निष्कासन को बढ़ा सकता है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं।

(5) लिवर और दिल पर असर:

ज्यादा प्रोटीन और सैचुरेटेड फैट (जैसे रेड मीट में) से दिल और लिवर को नुकसान हो सकता है।



उम्र और वजन के हिसाब से कितनी मात्रा में प्रोटीन लेना चाहिए?

1. सामान्य वयस्क (शारीरिक श्रम कम):
रोज़ाना प्रति किलो शरीर के वजन के अनुसार 0.8 ग्राम
उदाहरण: 60 किलो के व्यक्ति को 48 ग्राम प्रोटीन

2. ऐसे लोग जो नियमित कसरत करते हैं या श्रमिक हैं:

रोज़ाना 1.2 से 1.5 ग्राम प्रति किलो वजन
उदाहरण: 60 किलो के श्रमिक को 72-90 ग्राम प्रोटीन

3. बॉडी बिल्डर / एथलीट:

1.5 से 2 ग्राम प्रति किलो वजन
(डॉक्टर या स्पोर्ट्स न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह जरूरी)

4. बच्चे:

1-3 वर्ष: 13 ग्राम/दिन

4-8 वर्ष: 19 ग्राम/दिन

9-13 वर्ष: 34 ग्राम/दिन

5. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं:

60-70 ग्राम प्रोटीन/दिन

6. बुजुर्ग (60+):

1.0 से 1.2 ग्राम प्रति किलो वजन
(मांसपेशियों के क्षय को रोकने हेतु)




प्रोटीन कैसे लें – कुछ सुझाव:

• हर भोजन में थोड़ा प्रोटीन शामिल करें

• रात को हल्की और सुपाच्य प्रोटीन लें (जैसे दाल, दूध)

• हाई-प्रोटीन डाइट के साथ पर्याप्त पानी पीएं

• फाइबर (फल, सब्जियाँ) भी साथ लें ताकि पाचन दुरुस्त रहे

• प्राकृतिक स्रोतों को प्राथमिकता दें

• सप्लिमेंट केवल डॉक्टर की सलाह से लें


प्रोटीन शरीर के लिए ज़रूरी है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन फायदे की बजाय नुकसान दे सकता है। हमेशा अपनी उम्र, जीवनशैली और स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार संतुलित मात्रा में प्रोटीन लें। विशेष स्थितियों में डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।

याद रखें: अच्छा स्वास्थ्य संतुलित आहार और सही जानकारी से ही संभव है। प्रोटीन ज़रूरी है, लेकिन सोच-समझकर लेना और संतुलन बनाए रखना उससे भी ज़्यादा जरूरी है।

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