दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा फ्यूल : पूरा नियम जानने के लिए पढ़िए
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এই বাহনসমূহে ১ জুলাইৰ পৰা পেট্ৰল-ডিজেল, চিএনজি নাপাব, চৰকাৰৰ ডাঙৰ ঘোষণা
By Good Assam Jul 1 ,2025
পুৰণি বাহন সন্দৰ্ভত দিল্লী চৰকাৰে আজি এক বৃহৎ ঘোষণা কৰিছে। ৰাজ্য চৰকাৰে ১ জুলাইৰ পৰা 10 বছৰ পুৰণি (EOL) বাহনসমূহক লক্ষ্য কৰি কঠোৰ বলবৎকাৰী নীতি ঘোষণা কৰিছে।এই নতুন নিয়ম ফলপ্ৰসূভাৱে কাৰ্যকৰী কৰিবলৈ চৰকাৰে আনুষ্ঠানিকভাৱে জাৰি কৰিছে ষ্টেণ্ডাৰ্ড অপাৰেটিং প্ৰচিডিউৰ (এছ অ’ পি)। য’ত ইন্ধন কেন্দ্ৰ আৰু বলবৎকাৰী বিষয়াৰ বাবে স্পষ্ট নিৰ্দেশনা দিয়া হৈছে। পুৰণি বাহনে বায়ু প্ৰদূষণ কৰে বাবে এনে পদক্ষেপ লৈছে চৰকাৰে।
दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा फ्यूल : पूरा नियम जानने के लिए पढ़िए
दिल्ली में प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को फ्यूल नहीं मिलेगा। यानी अगर आपका वाहन इस समय सीमा से ज्यादा पुराना है तो आप दिल्ली में पेट्रोल पंप से पेट्रोल या डीजल नहीं भरवा पाएंगे।
क्या है यह नया नियम?
दिल्ली सरकार ने यह निर्णय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए लिया है। इससे पहले भी दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर पाबंदी थी, लेकिन इस नियम को अब और सख्ती से लागू किया जा रहा है।
1 जुलाई से दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर ऐसे वाहनों को फ्यूल देने पर पाबंदी होगी। यदि कोई वाहन मालिक इस नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
दिल्ली की वायु गुणवत्ता देश में सबसे खराब मानी जाती है। खासतौर पर सर्दियों में जब स्मॉग का स्तर बढ़ जाता है, तो सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। खासकर पुराने वाहन ज्यादा धुआं छोड़ते हैं और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 4 लाख डीजल वाहन और 9 लाख से ज्यादा पेट्रोल वाहन ऐसे हैं जो इस नियम के तहत प्रतिबंधित हो जाएंगे। इस कदम का मकसद प्रदूषण को कम करना और जनता को स्वच्छ हवा मुहैया कराना है।
• किन वाहनों पर लागू होगा ये नियम?
डीजल वाहन: जो 10 साल से ज्यादा पुराने हैं।
पेट्रोल वाहन: जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं।
ये नियम केवल निजी नहीं बल्कि व्यावसायिक वाहनों पर भी लागू होंगे।
क्या है विकल्प?
• जो लोग अपने पुराने वाहन को अभी तक चला रहे थे, उनके पास कुछ विकल्प मौजूद हैं:
• स्क्रैप पॉलिसी का लाभ लें: वाहन को स्क्रैप करवा कर सरकार की नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी के तहत छूट और नए वाहन पर डिस्काउंट पा सकते हैं।
• इलेक्ट्रिक वाहन खरीदें: दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देती है। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि ईंधन की लागत भी बचेगी।
• वाहन को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करें: कुछ राज्य ऐसे हैं जहां यह नियम अभी लागू नहीं है, वहां वाहन ट्रांसफर किया जा सकता है।
नियम न मानने पर क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है और पुराने वाहन से पेट्रोल या डीजल भरवाने की कोशिश करता है तो उस पर ₹10,000 तक का चालान लग सकता है। साथ ही वाहन को जब्त भी किया जा सकता है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए यह कदम जरूरी है। हालांकि यह पुराने वाहन मालिकों के लिए परेशानी का कारण जरूर है, लेकिन लंबे समय में यह निर्णय पर्यावरण और आम जनता की सेहत के लिए लाभकारी साबित होगा। अगर आप भी इस नियम के दायरे में आते हैं तो समय रहते विकल्पों पर विचार करना आपके हित में होगा।