इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025: भविष्य की झलक, जब मोबाइल-टीवी की जरूरत खत्म हो जाएगी
( Apurba Das )
नई दिल्ली में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 ने इस बार दुनिया को यह दिखा दिया कि आने वाला समय कितना स्मार्ट और तकनीकी रूप से उन्नत होने वाला है। एशिया के इस सबसे बड़े टेक इवेंट में 125 से ज्यादा देशों से आए 1.5 लाख से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। यहां करीब 500 स्टार्टअप्स और 400 से अधिक टेक्नोलॉजी एग्जिबिटर्स ने अपने नवीनतम इनोवेशन पेश किए।
इस आयोजन में ऐसे कई उत्पाद प्रदर्शित किए गए जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकते हैं। इनमें सबसे अधिक चर्चा में रहे एआर (Augmented Reality) तकनीक से लैस स्मार्ट ग्लास और एआई-सक्षम रेलवे सेफ्टी सिस्टम। इन तकनीकों ने साबित कर दिया कि भविष्य में डिजिटल दुनिया हमारी आंखों और सोच दोनों में समा जाएगी।
◽स्मार्ट ग्लास: बिना टीवी, मोबाइल या लैपटॉप के मनोरंजन की नई दुनिया
अब कल्पना कीजिए कि आप बस या ट्रेन में सफर कर रहे हैं, और आपकी आंखों के सामने ही 65-इंच की वर्चुअल स्क्रीन पर मूवी चल रही है — बिना किसी वास्तविक स्क्रीन के। यही चमत्कार करने वाले हैं AR स्मार्ट ग्लास।
ये ग्लास ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) तकनीक पर आधारित हैं। इन्हें पहनने पर आपको एक वर्चुअल स्क्रीन दिखाई देती है जो आपकी हरकतों के बावजूद स्थिर रहती है। यानी चाहे आप सिर घुमाएं या चलें-फिरें, स्क्रीन अपनी जगह टिकी रहेगी।
इन स्मार्ट ग्लास की मदद से आप कहीं भी वीडियो कॉल, मूवी, ऑनलाइन मीटिंग या गेमिंग का आनंद ले सकते हैं। ये ग्लास केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनमें GPS नेविगेशन की सुविधा भी है।
बस आपको बोलना होगा — “मुझे कनॉट प्लेस जाना है” — और यह वर्चुअल स्क्रीन पर 3D मैप के साथ रास्ता दिखाना शुरू कर देगी।
टेक विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले कुछ वर्षों में यही स्मार्ट ग्लास मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का विकल्प बन सकते हैं। इससे न केवल स्क्रीन डिवाइसों की जरूरत घटेगी, बल्कि ऊर्जा की बचत भी होगी।
◽रेलवे में एआई-सक्षम सुरक्षा प्रणाली: रियल टाइम में मिलेगी चेतावनी
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में एक और आकर्षक तकनीक सामने आई — एआई आधारित रेलवे सेफ्टी सिस्टम।
यह सिस्टम ट्रेन के इंजन और ट्रैक की हर हलचल को रियल टाइम में मॉनिटर करता है। अगर ट्रेन के किसी हिस्से में गड़बड़ी होती है, तो यह तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट भेज देता है।
इसके लिए सेंसर और कैमरों का इस्तेमाल किया गया है जो मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस हैं। ये सेंसर ब्रेकिंग सिस्टम, इंजन की आवाज, ट्रैक की स्थिति और कंपन तक का विश्लेषण करते हैं।
इस तकनीक से हादसों में भारी कमी आने की संभावना है। रेलवे इंजीनियरों का कहना है कि इस सिस्टम के जरिये छोटी-छोटी तकनीकी समस्याओं का पता पहले ही चल जाएगा, जिससे समय पर मरम्मत हो सकेगी और बड़ी दुर्घटनाओं से बचाव होगा।
◽स्मार्ट ट्रैकिंग और ड्राइवर मॉनिटरिंग तकनीक
मोबिलिटी सेक्टर में भी इस बार कई नई तकनीकें सामने आईं। इनमें सबसे खास रही AI और GPS आधारित गाड़ी मॉनिटरिंग तकनीक।
इस तकनीक की मदद से अब कंपनियां अपनी गाड़ियों की रियल टाइम ट्रैकिंग कर सकती हैं।
सिस्टम में जियो फेंसिंग (Geo-Fencing) की सुविधा दी गई है — यानी अगर गाड़ी तय सीमा से बाहर जाती है तो तुरंत अलर्ट मिल जाता है।
इतना ही नहीं, यह तकनीक ड्राइवर के ड्राइविंग पैटर्न, ब्रेकिंग स्टाइल और स्पीड बिहेवियर का भी विश्लेषण करती है।
अगर ड्राइवर बहुत तेज या असुरक्षित तरीके से गाड़ी चला रहा हो, तो यह तुरंत चेतावनी जारी करती है।
साथ ही सिस्टम यह भी बताता है कि गाड़ी को सर्विसिंग की कब जरूरत है।
इससे न केवल वाहन की लाइफ बढ़ती है, बल्कि मेंटेनेंस कॉस्ट भी काफी कम हो जाता है।
◽ टेक्नोलॉजी का भविष्य: स्मार्ट डिवाइस से स्मार्ट लाइफ तक
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारत अब वैश्विक टेक हब बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
यहां दिखाई गई तकनीकें केवल शोपीस नहीं हैं, बल्कि आने वाले कुछ सालों में आम लोगों की जिंदगी का हिस्सा बनने जा रही हैं।
भविष्य की इस दुनिया में हमें मोबाइल या लैपटॉप जैसे उपकरणों की जरूरत नहीं होगी।
हमारी आंखें ही स्क्रीन बन जाएंगी, और हमारी आवाज ही कमांड।
एआई, एआर और आईओटी (Internet of Things) तकनीकें मिलकर हमारी दुनिया को स्मार्ट, सुरक्षित और किफायती बना देंगी।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में दिखी तकनीकें केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
स्मार्ट ग्लास, AI रेलवे सिस्टम और वाहन मॉनिटरिंग तकनीक ने दिखाया कि तकनीक केवल सुविधा ही नहीं देती, बल्कि सुरक्षा और कार्यक्षमता भी बढ़ाती है।
ऐसे में आने वाला दशक स्मार्ट टेक्नोलॉजी का स्वर्ण युग कहा जा सकता है, जहां इंसान और मशीन के बीच की दूरी लगभग खत्म हो जाएगी।