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বিজ্ঞাপন

रनिंग से कोलन कैंसर का खतरा : किन लोगों को सावधान रहना चाहिए?




रनिंग से कोलन कैंसर का खतरा : किन लोगों को सावधान रहना चाहिए?

( Apurba Das )

हाल ही में शिकागो में हुई 2025 अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (ASCO) की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट ने स्वास्थ्य जगत को चौंका दिया। इस शोध में पाया गया कि बहुत अधिक और लंबी दूरी की रनिंग, जैसे कि मैराथन या अल्ट्रा-मैराथन दौड़ने वाले लोगों में कोलन कैंसर का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक हो सकता है।

यह रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अब तक दौड़ना हमेशा स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन गतिविधि मानी जाती थी—यह वजन नियंत्रित करता है, तनाव घटाता है, हृदय को मजबूत करता है और मानसिक स्वास्थ्य सुधारता है। लेकिन जब यह गतिविधि अत्यधिक स्तर पर पहुँच जाती है तो शरीर, खासकर पाचन तंत्र, पर नकारात्मक असर डाल सकती है।





◽अध्ययन क्या कहता है?

• शोधकर्ताओं ने 35 से 50 वर्ष के ऐसे 100 प्रतिभागियों को शामिल किया, जिन्होंने कम से कम पाँच मैराथन या दो अल्ट्रामैराथन पूरी की थीं।

• 41% प्रतिभागियों में कम से कम एक एडेनोमा (प्री-कैंसर ग्रोथ) पाया गया।

• 15% प्रतिभागियों में उन्नत स्तर का एडेनोमा मिला।

• विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहला संभावित अध्ययन है, जिसने दिखाया कि लंबी दूरी की रनिंग आंतों पर इतना तनाव डाल सकती है कि कैंसर का खतरा बढ़ जाए।

◽क्यों बढ़ता है खतरा?

• पाचन तंत्र पर दबाव – लंबी दौड़ के दौरान पेट और आंतों पर लगातार दबाव पड़ता है।

• ब्लड फ्लो की कमी – शरीर ऑक्सीजन और रक्त का बड़ा हिस्सा मांसपेशियों की ओर भेजता है, जिससे आंतों को पर्याप्त सप्लाई नहीं मिलती। यह स्थिति इंफ्लेमेशन को जन्म देती है।

• क्रोनिक इंफ्लेमेशन – लंबे समय तक बार-बार इंफ्लेमेशन से कैंसर कोशिकाएँ पनपने लगती हैं।

• माइक्रो-ट्रॉमा – आंतों में छोटे-छोटे घाव (micro injury) होते हैं जो समय के साथ गंभीर रूप ले सकते हैं।





किन लोगों को रनिंग से बचना चाहिए या सावधानी रखनी चाहिए?

हर व्यक्ति दौड़ सकता है, लेकिन कुछ समूहों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए:

(1) जिन्हें पाचन संबंधी समस्याएँ हैं – जैसे अल्सर, गैस्ट्राइटिस, बार-बार पेट दर्द, कब्ज या डायरिया।

(2) परिवार में कोलन या रेक्टल कैंसर का इतिहास – ऐसे लोगों को बहुत ज्यादा रनिंग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

(3) कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग – जिनका शरीर आसानी से इंफ्लेमेशन या संक्रमण पकड़ लेता है।

(4) लंबे समय से शराब या धूम्रपान करने वाले – इन लोगों का पाचन तंत्र पहले से कमजोर होता है।

(5) 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले – इस उम्र के बाद वैसे भी कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, और अत्यधिक रनिंग इसे और बढ़ा सकती है।

(6) बहुत कम वज़न या पोषण की कमी वाले लोग – जिनका शरीर लंबे समय तक तनाव झेलने के लिए तैयार नहीं है।


◽रनिंग से और क्या-क्या खतरे हो सकते हैं?

(1) कोलन और पाचन तंत्र की समस्या – जैसा कि शोध में बताया गया, लंबी दूरी की रनिंग आंतों में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।

(2) हड्डियों और जोड़ों पर असर – लगातार और लंबे समय तक दौड़ने से घुटनों, टखनों और हड्डियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस या हड्डी टूटने की संभावना बढ़ती है।

(3) हार्ट पर ओवरलोड – सामान्य दौड़ना दिल को मजबूत बनाता है, लेकिन अत्यधिक रनिंग दिल पर बोझ डाल सकती है, जिससे अरिद्मिया (दिल की धड़कन अनियमित होना) जैसी समस्या हो सकती है।

(4) डिहाइड्रेशन – लंबी दूरी की रनिंग में शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स तेजी से निकलते हैं। अगर सही मात्रा में पानी और मिनरल न लिया जाए तो किडनी फेलियर जैसी समस्या भी हो सकती है।

(5) इम्यून सिस्टम कमजोर होना – शोध से पता चला है कि लंबे समय तक अत्यधिक रनिंग करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घट सकती है।

(6) मानसिक थकान – लगातार लंबी दूरी की दौड़ मानसिक रूप से भी तनाव और थकान ला सकती है, जिसे “ओवर-ट्रेनिंग सिंड्रोम” कहा जाता है।


◽क्या रनिंग छोड़ देनी चाहिए?

बिल्कुल नहीं। रनिंग एक बेहतरीन एक्सरसाइज है। यह:

• दिल को मजबूत करती है।

• ब्लड शुगर नियंत्रित करती है।

• वजन घटाने में मदद करती है।

• तनाव और डिप्रेशन कम करती है।

• लेकिन “बैलेंस” बेहद जरूरी है।


◽सही तरीके से रनिंग कैसे करें?

• मॉडरेशन अपनाएँ – रोजाना 20–30 मिनट की सामान्य रनिंग या जॉगिंग पर्याप्त है।

• लंबी दूरी से बचें – अगर आप प्रोफेशनल एथलीट नहीं हैं, तो बार-बार मैराथन या अल्ट्रामैराथन न दौड़ें।

• डाइट का ध्यान रखें – फाइबर, हरी सब्जियाँ, फल और पर्याप्त प्रोटीन लें। प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट और शराब कम करें।

• हाइड्रेशन जरूरी है – दौड़ते समय और उसके बाद खूब पानी पिएँ।

• रेस्ट और रिकवरी – लगातार दौड़ने के बजाय शरीर को आराम दें।

• नियमित हेल्थ चेकअप – जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री में कैंसर है या जो लंबी दूरी की रनिंग करते हैं, उन्हें समय-समय पर कोलोनोस्कोपी या अन्य पाचन संबंधी जांच करवानी चाहिए।



रनिंग सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है, लेकिन अत्यधिक और लंबी दूरी की रनिंग कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकती है, जिनमें कोलन कैंसर का खतरा भी शामिल है। खासकर वे लोग जिनमें पहले से पाचन संबंधी समस्याएँ हैं, परिवार में कैंसर का इतिहास है या जो 50 वर्ष से ऊपर हैं, उन्हें विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

सही डाइट, पर्याप्त पानी, आराम और नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ रनिंग हमेशा लाभकारी बनी रहती है। याद रखें—“ओवरडोज़ हर चीज़ का नुकसान करता है, चाहे वह दवा हो या दौड़।”





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