गॉलब्लैडर स्टोन किन-किन कारणों से होता है? जानिए बचाव का उपाय
(Apurba Das )
हमारा शरीर एक अत्यंत जटिल लेकिन व्यवस्थित मशीन की तरह काम करता है। इसमें हर अंग का अपना अलग और महत्वपूर्ण कार्य होता है। उन्हीं में से एक है गॉलब्लैडर (पित्ताशय), जो हमारे पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब इस पित्ताशय में पथरी यानी Gallbladder Stone (पित्त की पथरी) बन जाती है, तो यह गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। आइए जानते हैं यह पथरी किन कारणों से होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के प्राकृतिक उपाय क्या हैं।
◽गॉलब्लैडर स्टोन क्या होता है?
गॉलब्लैडर यानी पित्ताशय, लीवर के नीचे स्थित एक छोटा-सा थैलीनुमा अंग होता है। इसका मुख्य कार्य लीवर द्वारा बने बाइल जूस (पित्त रस) को जमा करना और भोजन के पाचन के समय छोटी आंत में भेजना है। जब इस बाइल में कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और बिलीरुबिन जैसे तत्व असंतुलित मात्रा में जमा हो जाते हैं, तो ये धीरे-धीरे कठोर होकर पथरी (स्टोन) का रूप ले लेते हैं।
◽गॉलब्लैडर स्टोन के प्रमुख कारण
1. ज्यादा तला-भुना और चिकनाई वाला खाना
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग जंक फूड, फास्ट फूड और डीप फ्राइड चीजें ज्यादा खाते हैं। इस तरह के भोजन में कोलेस्ट्रॉल और फैट की मात्रा अधिक होती है, जो पित्त में संतुलन बिगाड़ देती है। यही स्थिति गॉलब्लैडर में स्टोन बनने का प्रमुख कारण बनती है।
2. वजन बढ़ना और मोटापा
शरीर में जब अतिरिक्त चर्बी जमा होती है तो लीवर ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रॉल पैदा करने लगता है। यह अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल पित्त में घुल नहीं पाता और धीरे-धीरे पत्थर का रूप ले लेता है। खासतौर पर महिलाओं में, मोटापे के कारण गॉलब्लैडर स्टोन की संभावना ज्यादा रहती है।
3. शरीर में पानी और फाइबर की कमी
कम पानी पीने और फाइबर रहित भोजन लेने से शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होते हैं। इससे पित्त गाढ़ा होने लगता है और स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है। दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी और पर्याप्त मात्रा में फल-सब्जियां खाना जरूरी है।
4. हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं में गर्भावस्था, गर्भनिरोधक गोलियों या हार्मोनल बदलावों के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। यह बाइल में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता है और गॉलब्लैडर स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है।
5. अधिक उपवास या भोजन छोड़ना
लंबे समय तक भूखे रहने से या एकदम ज्यादा खाना खाने से भी पित्ताशय सही तरह से सिकुड़ता नहीं है। इससे पित्त जमा हो जाता है और स्टोन बनने की संभावना बढ़ती है।
◽शरीर में अग्न्याशय (Pancreas) के कार्य
अग्न्याशय यानी Pancreas पेट के भीतर, आमाशय के पीछे स्थित एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है। यह दो तरह के कार्य करती है –
1. पाचन संबंधी कार्य (Digestive Function):
अग्न्याशय एंजाइम (जैसे एमाइलेज, लाइपेज और ट्रिप्सिन) बनाता है, जो भोजन के पाचन में मदद करते हैं। ये एंजाइम कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन को तोड़कर शरीर के लिए उपयोगी ऊर्जा में बदलते हैं।
2. हार्मोन संबंधी कार्य (Hormonal Function):
अग्न्याशय इंसुलिन और ग्लूकागन जैसे हार्मोन बनाता है, जो शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित करते हैं। अगर अग्न्याशय सही से काम न करे, तो डायबिटीज जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
◽अग्न्याशय को स्वस्थ रखने के उपाय
(1) संतुलित आहार लें: ताजे फल, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज और हल्का भोजन लें। तला-भुना और अधिक तेलयुक्त खाना न खाएँ।
(2) चीनी और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं: ये चीजें इंसुलिन स्तर को असंतुलित करती हैं, जिससे अग्न्याशय पर दबाव बढ़ता है।
(3) धूम्रपान और शराब का सेवन न करें: ये दोनों अग्न्याशय को सीधे नुकसान पहुँचाते हैं और पैनक्रियाटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं।
(4) पानी और हर्बल ड्रिंक ज्यादा लें: नींबू पानी, गिलोय का रस, आंवला जूस या नारियल पानी जैसे पेय अग्न्याशय को डिटॉक्स करते हैं।
(5) योग और ध्यान करें: कपालभाति, भुजंगासन, धनुरासन और प्राणायाम जैसे आसन अग्न्याशय को सक्रिय और मजबूत बनाते हैं।
◽ गॉलब्लैडर स्टोन को कैसे निकाला जा सकता है?
गॉलब्लैडर स्टोन का इलाज इसके आकार, संख्या और दर्द की स्थिति पर निर्भर करता है। इलाज के प्रमुख तरीके इस प्रकार हैं –
1. दवाओं के द्वारा इलाज (Medical Treatment)
यदि स्टोन छोटा है, तो डॉक्टर कुछ दवाएँ देते हैं जो धीरे-धीरे पथरी को घोलने में मदद करती हैं। हालांकि यह प्रक्रिया समय लेने वाली होती है और हमेशा कारगर नहीं रहती।
2. सर्जरी (Cholecystectomy)
यदि स्टोन बड़ा है या बार-बार दर्द और उल्टी की समस्या होती है, तो डॉक्टर गॉलब्लैडर हटाने की सलाह देते हैं। इसे लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के जरिए किया जाता है, जो सुरक्षित और बिना बड़े निशान वाली प्रक्रिया होती है।
3. घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय (Natural & Ayurvedic Remedies)
• आंवला और एलोवेरा का रस: ये पित्त की शुद्धि करते हैं और गॉलब्लैडर की सूजन कम करते हैं।
• गिलोय और तुलसी का सेवन: ये शरीर को डिटॉक्स कर स्टोन बनने की प्रक्रिया को रोकते हैं।
• साबुत अनाज और फाइबर युक्त भोजन: पाचन को सुधारते हैं और बाइल में असंतुलन को कम करते हैं।
• नींबू पानी और जैतून तेल (Olive Oil with Lemon Juice): सुबह खाली पेट एक चम्मच जैतून तेल में नींबू रस मिलाकर लेने से पित्ताशय की सफाई में मदद मिलती है।
सावधानी: किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
गॉलब्लैडर स्टोन कोई मामूली समस्या नहीं है। यह दर्द, उल्टी, अपच और कई बार गंभीर संक्रमण तक पहुंच सकती है। लेकिन सही खानपान, पर्याप्त पानी, फाइबरयुक्त भोजन, नियमित योग और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाकर इससे आसानी से बचा जा सकता है।
स्वस्थ गॉलब्लैडर और सक्रिय अग्न्याशय आपके पाचन तंत्र को मजबूत रखते हैं और शरीर में ऊर्जा, शक्ति और संतुलन बनाए रखते हैं। इसलिए आज से ही अपने भोजन और जीवनशैली में छोटे-छोटे सुधार करें।